आज़ादी
आज़ादी यानी स्वावलंबन मन का वह करना जो वो करना चाहता है आज़ादी है।
किसी भी पक्षी का पिंजरे के बाहर पंख फैलाए उड़ना आजादी है।
इन तारों का उस चांद के साथ जगमग-जगमग चमकना आजादी है।
उन फूलों का नए आसमान में पंख फैलाए यूं खिल जाना आजादी है ।
इन आंखों का दिल खोलकर प्रकृति को यूं निहारना आजादी है।
चिड़िया का एक-एक तिनका उठाकर एक नन्हा सा घर बनाना आजादी है ।
एक नन्हे बच्चे को जन्म देना एक मां की आजादी है ।
उस नदी के पानी का अपनी चाह के अनुसार बहन आजादी है।
उस चंदा को एक टक देखना आजादी है।
उगते हुए सूर्य का अपनी किरणों को यूं फैलाना आजादी है।
आजादी मन की एक स्थिति है।
सुप्रिया सोनी।।
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