आज की बारिश!!
शाम के समय जब सो कर जागी तो देखा बारिश का पूरा मौसम बना हुआ था। चाय पीने की इच्छा हुई तो नीचे जाकर चाय बनाई और पीने लगी और देखते ही देखते तेज बारिश शुरू हो गई। अब क्या था हाथ में चाय का कप लिए मैं झूले पर जा बैठी और झूला झूलते-झूलते चाय की चुस्की लेते हुए मौसम का नजारा लेने लगी।
तभी भाभी भी मेरे संग झूले पर आ बैठी। और बारिश का मजा लेते हुए संगीत का मजा भी हम दोनों लेने लगे ।कुछ पसंदीदा गाने लगाएं और साथ ही हम अपने गरबा के स्टेप की प्रेक्टिस करने लगे इन दिनों गरबा क्लासेस जॉइन की थी जिसमें स्टेप को कैच करने में काफी दिक्कत आ रही थी तो उसकी प्रेक्टिस हम घर पर ही कर रहे थे। फिर क्या था गरबा करने में इतना मजा आने लगा कि दीदी ने भी हमारे साथ नाचना गाना शुरू कर दिया।
और बस अब क्या था तीन की तिगड़ी थी और मौसम की बिगड़ी थी। हमारी आवाज आसमान छू रही थी और झूला छत को छूने लगा था। तभी अचानक बारिश के थपेड़ों की आवाज और तेज हो गई और इसे देखकर मन खुशी से भर उठा ।तभी पड़ोस की आंटी ने भी छत से भीगते हुए आवाज लगाई की आओ सुप्रिया बरसात में साथ में भीगते हैं।लेकिन यह जो बारिश का समय था वह ठीक नहीं था की इसमें भीगा जाए तो स्वास्थ्य सही रखने के लिए मैने ना भीगने की ठान ली थी ।तभी अचानक अंधेरा होने लगा और तेज बारिश और तेज होती चली गई।
इस समय गरबा क्लास के कैंसिल होने का मैसेज भी व्हाट्सएप पर आ गया था जबकि मैं तो पहले से ही आज क्लास में न जाने का मन बना बैठी थी ।मुझे बस इस मौसम का लुत्फ उठाना था और इसी समय मेरी कलम भी मेरा इंतजार कर रही थी।
इन दिनों में यूट्यूब कुछ ज्यादा ही स्क्रोल कर रही थी हर तरह से नॉलेज लेने की कोशिश कर रही थी। तभी याद आया कि यूट्यूब की अपने चैनल पर काफी समय से मैंने वीडियो भी अपलोड नहीं किया है। तो बस फिर क्या था मैंने झूला झूलते हुए बाहर बारिश के नजारे को अपने कैमरा में कैद किया और कुछ अच्छे से हैश टैग के साथ उस वीडियो को अपलोड कर दिया । इतने में भाभी ने आवाज लगाई की सुप्रिया चलो खाना खा लो।
आज खाने में स्पेशल फ्राइड खिचड़ी थी ।वह गरम-गरम खिचड़ी जो मुझे घी के साथ बहुत पसंद है मैंने ली और घी डालकर जमकर खाई ।आज अपनी डाइटिंग में मैंने चीटिंग की थी पर क्या करूं यह बेईमान मौसम मुझसे चीटिंग करवा रहा था। ये बारिश और वो गरमा गरम घी और खिचड़ी। वाह.....
खैर अब बारिश थोड़ा रुक गई थी मैं भी अपने कमरे में आई और सोने की तैयारी में लग गई लेकिन उससे पहले मैं आज का वृतांत अपने शब्दों में कैद करने लगी और अच्छे से उन शब्दों को इस पत्र में संजोया ।
चलिए शुभ रात्रि आप सभी को ।
सुप्रिया सोनी।
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